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11. भगवान का रूप
11. भगवान का रूप
🕉️ प्रस्तावना
▼
यह अध्याय भगवान श्री कृष्ण के विभिन्न रूपों को स्पष्ट रूप से समझाता है, सब कुछ भगवान श्री कृष्ण है, और अर्जुन का भयानक रूप देखने का डर।
अर्जुन भगवान श्री कृष्ण की प्रशंसा करता है और कहता है कि भगवान श्री कृष्ण के कहे गए शब्दों से उसकी भ्रांति समाप्त हो गई है।
आगे, अर्जुन कहता है कि सभी भगवान श्री कृष्ण हैं।
वह भगवान श्री कृष्ण से विभिन्न रूपों को दिखाने का अनुरोध करता है।
भगवान श्री कृष्ण अर्जुन को अपने विभिन्न रूप दिखाते हैं।
अर्जुन पहले खुश होता है; लेकिन वह भगवान श्री कृष्ण के भयानक रूप को देखकर डर जाता है।
अंततः, भगवान श्री कृष्ण अपने मानव रूप में लौट आते हैं जो अर्जुन को प्रसन्न करता है।
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