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16. दैवी और दैत्य
16. दैवी और दैत्य
🕉️ प्रस्तावना
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यह अध्याय दैवी और दैत्य स्वभावों, दैत्य स्वभाव के मार्ग और दैवी और दैत्य स्वभावों के परिणामों के बारे में विवरण देता है।
भगवान श्री कृष्ण बताते हैं कि दैवी स्वभाव और दैत्य स्वभाव दोनों जन्म के साथ ही आते हैं।
चूंकि ये दोनों हमेशा साथ होते हैं, इसलिए सही कार्य को देखना और हमेशा ऐसा सही कार्य करना आवश्यक है।
भगवान श्री कृष्ण आगे दैवी स्वभाव और दैत्य स्वभाव के परिणामों के बारे में बताते हैं।
वह दैत्य स्वभाव के विभिन्न मार्गों के बारे में भी विवरण देते हैं।
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