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श्लोक : 2 / 24

भगवान श्री कृष्ण
भगवान श्री कृष्ण
अहिंसा, सत्यता, क्रोध रहित होना, त्याग, शांति, अपमान न करने वाला कार्य, सभी मनुष्यों के प्रति करुणा, इच्छारहित होना, विनम्रता, संयम और स्थिरता; ये दिव्य गुण भी जन्म के साथ आते हैं।
राशी मकर
नक्षत्र उत्तराषाढ़ा
🟣 ग्रह शनि
⚕️ जीवन के क्षेत्र करियर/व्यवसाय, परिवार, अनुशासन/आदतें
मकर राशि में जन्मे लोग सामान्यतः स्थिरता और जिम्मेदारी के साथ कार्य करते हैं। उत्तराधाम नक्षत्र उन्हें दिव्य गुण प्रदान करता है, अर्थात् वे अपने जीवन में शांति, करुणा, और त्याग को प्राथमिकता देंगे। शनि ग्रह उन्हें अनुशासन और आदतों में नियंत्रण प्रदान करता है। व्यवसायिक जीवन में, वे क्रोध रहित शांति से कार्य करेंगे, जो उनकी प्रगति में मदद करेगा। परिवार में, वे करुणा के साथ कार्य करते हुए संबंधों को सुधारेंगे। अनुशासन और आदतों में, वे त्याग और इच्छारहित मानसिकता का पालन करेंगे, जो उनके जीवन को संतुलित रखने में मदद करेगा। इस प्रकार, भगवद गीता के दिव्य गुणों को वे अपने जीवन में लागू करके, दूसरों के लिए एक अच्छा उदाहरण बनेंगे।
भगवद गीता की व्याख्याएँ AI द्वारा जनित हैं; उनमें त्रुटियाँ हो सकती हैं।