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श्लोक : 10 / 24

भगवान श्री कृष्ण
भगवान श्री कृष्ण
असंतुष्ट आकांक्षा, धोखा, घमंड और गर्व के साथ शरण लेने के कारण, अज्ञानी लोग बुराइयों की ओर आकर्षित होते हैं और अशुद्ध आदतों में लिप्त हो जाते हैं।
राशी मकर
नक्षत्र उत्तराषाढ़ा
🟣 ग्रह शनि
⚕️ जीवन के क्षेत्र करियर/व्यवसाय, वित्त, अनुशासन/आदतें
इस स्लोक के माध्यम से भगवान श्री कृष्ण हमें बुरे गुणों से दूर रहने के लिए प्रेरित करते हैं। मकर राशि में जन्मे लोग आमतौर पर अपने व्यवसाय में बहुत ध्यान केंद्रित करते हैं। उत्तराभाद्रपद नक्षत्र उन्हें मजबूत मानसिकता और धैर्य प्रदान करता है। शनि ग्रह का प्रभाव, उन्हें अपने जीवन में अनुशासन और आदतों में नियंत्रण बनाए रखने में मदद करता है। व्यवसाय और वित्तीय क्षेत्रों में सफलता पाने के लिए, उन्हें अपने घमंड को कम करना और धोखाधड़ी को दूर करना चाहिए। उन्हें अपने मानसिक स्थिति को शांत रखते हुए, वित्त प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। अनुशासन और अच्छे आदतों को विकसित करके, वे अपने जीवन में स्थायी प्रगति प्राप्त कर सकते हैं। भगवान द्वारा बताए गए उपदेशों का पालन करके, वे अपने जीवन में अच्छाइयाँ प्राप्त कर सकते हैं। इससे, वे अपने व्यवसाय, वित्त और अनुशासन में प्रगति देख सकते हैं।
भगवद गीता की व्याख्याएँ AI द्वारा जनित हैं; उनमें त्रुटियाँ हो सकती हैं।