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श्लोक : 30 / 47

भगवान श्री कृष्ण
भगवान श्री कृष्ण
वह सभी स्थानों में, सभी चीजों में मुझे देखता है, और वह मुझमें सभी स्थानों और सभी चीजों को देखता है; ऐसे व्यक्ति को मैं कभी नहीं छोड़ूंगा, और वह मुझसे कभी नहीं हटेगा।
राशी मकर
नक्षत्र उत्तराषाढ़ा
🟣 ग्रह शनि
⚕️ जीवन के क्षेत्र करियर/व्यवसाय, परिवार, स्वास्थ्य
इस भगवद गीता श्लोक के आधार पर, मकर राशि में जन्मे लोग उत्तराभाद्रपद नक्षत्र के तहत शनि ग्रह के शासन में हैं। यह स्थिति उनके लिए व्यवसाय, परिवार और स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण प्रभाव डालेगी। व्यवसाय जीवन में, उन्हें कठिन परिश्रम के साथ आगे बढ़ना चाहिए। शनि ग्रह उन्हें आत्मविश्वास और जिम्मेदारी का अनुभव कराता है, जो व्यवसाय में प्रगति में मदद कर सकता है। परिवार में, उन्हें सभी को एकजुट रखने की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। परिवार के कल्याण में, एक-दूसरे का समर्थन करना आवश्यक है। स्वास्थ्य में, शनि ग्रह कुछ कठिनाइयाँ पैदा कर सकता है, इसलिए शारीरिक स्वास्थ्य का ध्यान रखें और संतुलित आहार की आदतों का पालन करें। योग और ध्यान जैसी आध्यात्मिक प्रथाएँ मानसिक शांति प्रदान करेंगी। इस श्लोक के उपदेश के अनुसार, वे सभी को एक ही दृष्टि में देखने के माध्यम से मानसिक शांति प्राप्त कर सकते हैं। इससे, वे जीवन के कई क्षेत्रों में संतुलन प्राप्त कर सकते हैं।
भगवद गीता की व्याख्याएँ AI द्वारा जनित हैं; उनमें त्रुटियाँ हो सकती हैं।