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श्लोक : 47 / 72

भगवान श्री कृष्ण
भगवान श्री कृष्ण
तुम्हारे लिए निर्धारित कर्तव्य निश्चित रूप से तुम्हारा अधिकार है; लेकिन किसी भी समय, उनके फल तुम्हारे नहीं हैं; अपने कार्यों के परिणामों को अपने लिए कारण मत मानो; अपने कर्तव्य को किए बिना स्थिर मत रहो।
राशी मकर
नक्षत्र उत्तराषाढ़ा
🟣 ग्रह शनि
⚕️ जीवन के क्षेत्र करियर/व्यवसाय, वित्त, परिवार
मकर राशि में जन्मे लोग शनि ग्रह के प्रभाव में होते हैं, इसलिए वे मेहनती और जिम्मेदार होते हैं। उत्तराद्रा नक्षत्र इन्हें गहन विचार और दूरदर्शिता प्रदान करता है। भगवद गीता का 2.47वां श्लोक कहता है कि हमें अपने कर्तव्यों को फल की चिंता किए बिना करना चाहिए। इसे व्यावसायिक जीवन में लागू करने से स्थिरता और वित्तीय विकास प्राप्त होगा। परिवार में जिम्मेदारियों का सही प्रबंधन करना चाहिए। फल की चिंता किए बिना कार्य करने से मानसिक स्थिति शांत रहती है। व्यवसाय में शनि ग्रह हमारी कोशिशों को धैर्यपूर्वक, लेकिन दृढ़ता से आगे बढ़ाने में मदद करता है। वित्त प्रबंधन में शनि ग्रह धैर्य और योजना पर जोर देता है। परिवार में जिम्मेदारियों को सही तरीके से स्वीकार कर कार्य करने से रिश्ते मजबूत होते हैं। इससे दीर्घकालिक लाभ प्राप्त होते हैं। इस प्रकार, मानसिक शांति और वित्तीय स्थिरता प्राप्त की जा सकती है।
भगवद गीता की व्याख्याएँ AI द्वारा जनित हैं; उनमें त्रुटियाँ हो सकती हैं।