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श्लोक : 4 / 72

अर्जुन
अर्जुन
मधुसूदन, अरिसूदन, वंदनीय व्यक्तियों जैसे भीष्म और द्रोणाचार्य के खिलाफ युद्ध में मैं कैसे बाणों का सामना करूँगा।
राशी मकर
नक्षत्र उत्तराषाढ़ा
🟣 ग्रह शनि
⚕️ जीवन के क्षेत्र धर्म/मूल्य, परिवार, संबंध
इस भगवद गीता सुलोक में अर्जुन अपने परिवार के रिश्तेदारों और बड़े लोगों के खिलाफ लड़ने की स्थिति में अपने मन में उठने वाले भ्रमों को व्यक्त करता है। मकर राशि और उत्तराद्रा नक्षत्र वाले लोग आमतौर पर मेहनती और जिम्मेदार होते हैं। शनि ग्रह इनकी जिंदगी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जो इन्हें जिम्मेदारी और आत्मविश्वास प्रदान करता है। धर्म और मूल्यों को प्राथमिकता देकर कार्य करना इनके लिए महत्वपूर्ण है। परिवार की भलाई और रिश्तों की भलाई को ध्यान में रखकर कार्य करना आवश्यक है। रिश्तों में आने वाली जटिलताओं को संभालने के लिए धर्म के मार्ग पर चलना बहुत महत्वपूर्ण है। परिवार के रिश्तों का सम्मान करना और उनके साथ अच्छे संबंध बनाए रखना जीवन का एक महत्वपूर्ण पहलू है। शनि ग्रह इन्हें जिम्मेदारी का एहसास कराने में मदद करता है, जिससे वे परिवार की भलाई पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं। रिश्तों में आने वाली जटिलताओं को संभालने के लिए धर्म के मार्ग पर चलना बहुत महत्वपूर्ण है। इससे जीवन में शांति और संतोष स्थापित होता है।
भगवद गीता की व्याख्याएँ AI द्वारा जनित हैं; उनमें त्रुटियाँ हो सकती हैं।