Jathagam.ai

श्लोक : 3 / 72

भगवान श्री कृष्ण
भगवान श्री कृष्ण
पार्थ के पुत्र, परांतप, इस प्रकार की आत्महीनता के आगे मत झुको, कभी भी ऐसा मत करो; यह तुम्हारे लिए उचित नहीं है; इस प्रकार की छोटी कमजोरी को छोड़कर उठो।
राशी सिंह
नक्षत्र मघा
🟣 ग्रह सूर्य
⚕️ जीवन के क्षेत्र करियर/व्यवसाय, मानसिक स्थिति, परिवार
इस भगवद गीता श्लोक के माध्यम से, सिंह राशि में जन्मे व्यक्तियों को अपनी अंतर्निहित शक्ति को पहचानकर आत्मविश्वास के साथ कार्य करना चाहिए। सूर्य, सिंह राशि का स्वामी, आत्मविश्वास और साहस प्रदान करता है। मघा नक्षत्र, अपनी श्रेष्ठ गुणों को प्रकट करने की क्षमता प्रदान करता है। व्यवसायिक जीवन में, सूर्य के प्रभाव से, उन्हें प्रगति प्राप्त करने के लिए आत्मविश्वास के साथ कार्य करना चाहिए। मानसिक स्थिति, सूर्य की रोशनी से, स्पष्ट और दृढ़ होगी। परिवार में, मघा नक्षत्र के प्रभाव से, उन्हें अपने रिश्तों को मजबूत और सहायक बनाए रखना चाहिए। यह श्लोक, उनके मानसिक दृढ़ता को बढ़ाकर, उनके जीवन में सफलता प्राप्त करने का मार्गदर्शन करता है। आत्मविश्वास के साथ कार्य करने पर, वे अपने जीवन के सभी क्षेत्रों में प्रगति प्राप्त कर सकते हैं।
भगवद गीता की व्याख्याएँ AI द्वारा जनित हैं; उनमें त्रुटियाँ हो सकती हैं।