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श्लोक : 19 / 72

भगवान श्री कृष्ण
भगवान श्री कृष्ण
जो दूसरों को मारने वाला समझता है, और जो सोचता है कि वह दूसरों द्वारा मारा जाएगा, वह यह नहीं समझता कि आत्मा न तो मारती है और न ही मारी जाती है।
राशी कर्क
नक्षत्र पुष्य
🟣 ग्रह चंद्र
⚕️ जीवन के क्षेत्र परिवार, स्वास्थ्य, मानसिक स्थिति
यह भगवद गीता का श्लोक आत्मा की अमरता को स्पष्ट करता है। कर्क राशि और पुष्य नक्षत्र चंद्रमा ग्रह के साथ मिलकर परिवार और स्वास्थ्य में मानसिक स्थिति को स्थिर करने में मदद करते हैं। परिवार में होने वाले झगड़े और मानसिक तनाव जैसी समस्याएँ, आत्मा की स्थिति को समझकर संभाली जा सकती हैं। चंद्रमा मानसिक स्थिति को दर्शाता है, इसलिए मानसिक शांति प्राप्त करने के लिए आध्यात्मिक अभ्यास महत्वपूर्ण है। स्वास्थ्य और मानसिक स्थिति को सुधारने के लिए आहार की आदतों को बदलकर स्वस्थ जीवनशैली अपनानी चाहिए। आत्मा की स्थिति को समझने पर, पारिवारिक संबंधों में शांति बनी रहती है। जब मानसिक स्थिति स्थिर होती है, तो स्वास्थ्य भी बेहतर होता है। आत्मा की वास्तविक स्थिति को समझना जीवन की समस्याओं को आसानी से संभालने में मदद करता है।
भगवद गीता की व्याख्याएँ AI द्वारा जनित हैं; उनमें त्रुटियाँ हो सकती हैं।