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श्लोक : 11 / 72

भगवान श्री कृष्ण
भगवान श्री कृष्ण
जब तुम इन शिक्षित लोगों की बातों को बोलते हो, तो तुम उन चीजों के लिए विलाप कर रहे हो जो विलाप के योग्य नहीं हैं; ज्ञानी व्यक्ति कभी भी मृतकों के लिए, अतीत के जीवन के लिए, या जीवित लोगों के लिए विलाप नहीं करता।
राशी मकर
नक्षत्र उत्तराषाढ़ा
🟣 ग्रह शनि
⚕️ जीवन के क्षेत्र करियर/व्यवसाय, वित्त, परिवार
यह भगवद गीता का श्लोक मकर राशि में जन्मे लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में जन्मे लोग सामान्यतः स्थिर मानसिकता के साथ कार्य करते हैं। शनि ग्रह के अधीन, उन्हें धैर्य और नियंत्रण के साथ कार्य करना चाहिए। व्यवसाय और वित्त से संबंधित चुनौतियों का सामना करने के लिए, उन्हें आत्मा की स्थिरता और शरीर की अस्थायीता को समझना चाहिए। परिवार में आपसी समझ और जिम्मेदारी से कार्य करना आवश्यक है। शनि ग्रह उन्हें स्थिर मानसिकता प्रदान करता है, जिससे वे व्यवसायिक विकास में बाधाओं का सामना कर सकते हैं। वित्तीय प्रबंधन में सुगम दृष्टिकोण अपनाना चाहिए। यह श्लोक उन्हें अपरिवर्तनीय स्थितियों को स्वीकार करने, स्थायी सत्य को समझने, और जीवन को खुशी से मनाने के लिए मार्गदर्शन करता है।
भगवद गीता की व्याख्याएँ AI द्वारा जनित हैं; उनमें त्रुटियाँ हो सकती हैं।