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श्लोक : 1 / 27

भगवान श्री कृष्ण
भगवान श्री कृष्ण
मैं तुम्हें उच्च ज्ञान और ज्ञान की खुशी के बारे में पूरी तरह से समझाता हूँ; इसको अच्छी तरह जानने वाले इस संसार के सभी योगियों ने पूर्णता प्राप्त की है।
राशी मकर
नक्षत्र उत्तराषाढ़ा
🟣 ग्रह शनि
⚕️ जीवन के क्षेत्र करियर/व्यवसाय, वित्त, परिवार
भगवद गीता के 14वें अध्याय का पहला श्लोक, उच्च ज्ञान और उसकी खुशी के बारे में है। इस श्लोक के आधार पर, मकर राशि में जन्मे लोग उत्तराधाम नक्षत्र में हो सकते हैं, और शनि ग्रह के प्रभाव में होते हैं। शनि ग्रह, व्यवसाय और वित्त के क्षेत्रों में स्थिरता प्रदान करता है। यह मकर राशि वालों में जिम्मेदारी की भावना को बढ़ाता है, और वे पारिवारिक कल्याण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। व्यवसाय में, शनि ग्रह उन्हें मेहनती बनाता है, और वित्त प्रबंधन में कंजूसी को प्रोत्साहित करता है। परिवार में, वे जिम्मेदारी से कार्य करके संबंधों को सुधारते हैं। इस श्लोक का उपदेश, उन्हें जीवन में संतुलन और आध्यात्मिक प्रगति प्राप्त करने में मदद करता है। सत्त्व गुण को विकसित करके, वे व्यवसाय और वित्त के क्षेत्रों में सफलता प्राप्त कर सकते हैं। पारिवारिक संबंधों में शांति और स्पष्टता लाकर, वे पूर्णता प्राप्त कर सकते हैं।
भगवद गीता की व्याख्याएँ AI द्वारा जनित हैं; उनमें त्रुटियाँ हो सकती हैं।