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श्लोक : 7 / 28

भगवान श्री कृष्ण
भगवान श्री कृष्ण
इसलिए, तुम हमेशा मुझे अपने मन में रखो, तुम युद्ध में संलग्न रहो; अपने मन और बुद्धि को मुझे समर्पित करके, तुम निश्चित रूप से शक्तिशाली बनोगे, इसमें कोई संदेह नहीं है।
राशी मकर
नक्षत्र उत्तराषाढ़ा
🟣 ग्रह शनि
⚕️ जीवन के क्षेत्र करियर/व्यवसाय, वित्त, मानसिक स्थिति
भगवद गीता का यह श्लोक, मन और बुद्धि को भगवान को समर्पित करने से शक्तिशाली बनने की बात करता है। मकर राशि और उत्तराद्र्ष्टा नक्षत्र वाले लोग, शनि ग्रह के प्रभाव से व्यवसाय और वित्तीय क्षेत्रों में चुनौतियों का सामना कर सकते हैं। लेकिन, यह श्लोक उनके लिए मार्गदर्शक होगा। व्यवसाय में, हमेशा भगवान के स्मरण से मेहनत करने पर, वे भविष्य में सफलता प्राप्त कर सकते हैं। वित्तीय प्रबंधन में, मन और बुद्धि को एकीकृत स्थिति में रखकर, वित्तीय स्थिति को सुधार सकते हैं। मानसिक स्थिति को शांत रखने से, वे जीवन की चुनौतियों का सामना कर सकते हैं। शनि ग्रह का प्रभाव कठिनाइयाँ उत्पन्न कर सकता है, लेकिन भगवान के स्मरण से कार्य करने पर, वे मन में शांति और विश्वास प्राप्त कर सकते हैं। इससे, वे जीवन में स्थिरता और प्रगति प्राप्त कर सकते हैं। भगवान पर विश्वास, उन्हें मानसिक दृढ़ता प्रदान करेगा, जो व्यवसाय और वित्तीय क्षेत्रों में सफलता सुनिश्चित करेगा।
भगवद गीता की व्याख्याएँ AI द्वारा जनित हैं; उनमें त्रुटियाँ हो सकती हैं।