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श्लोक : 6 / 28

भगवान श्री कृष्ण
भगवान श्री कृष्ण
कुंठी के पुत्र, जीवन के अंत में जब शरीर छोड़ता है, उस समय जिस स्थिति में वह स्मृति रखता है, वह हमेशा निश्चित रूप से उसी स्थिति में जाएगा।
राशी मकर
नक्षत्र उत्तराषाढ़ा
🟣 ग्रह शनि
⚕️ जीवन के क्षेत्र करियर/व्यवसाय, परिवार, मानसिक स्थिति
इस भगवद गीता श्लोक के आधार पर, मकर राशि में जन्मे लोगों के लिए उत्तराधाम नक्षत्र और शनि ग्रह का प्रभाव महत्वपूर्ण होगा। इस संयोजन के तहत, व्यवसाय जीवन में उच्च स्थिति प्राप्त करने के लिए, मन में हमेशा उच्च विचार रखने चाहिए। व्यवसाय में प्रगति के लिए, मानसिक स्थिति को शांत रखना आवश्यक है। पारिवारिक संबंधों में अच्छे यादें बनाकर, रिश्तों को मजबूत रखना चाहिए। शनि ग्रह के प्रभाव से, मानसिक स्थिति को स्थिर रखने के लिए, दिव्य विचारों को मन में बोना महत्वपूर्ण है। इससे, जीवन के अंतिम क्षण में उच्च स्थिति प्राप्त की जा सकती है। व्यवसाय में प्रगति, पारिवारिक कल्याण और मानसिक स्थिति को स्थिर रखने के लिए, भक्ति के साथ कार्य करना चाहिए। यही उच्च जीवन का उद्देश्य है।
भगवद गीता की व्याख्याएँ AI द्वारा जनित हैं; उनमें त्रुटियाँ हो सकती हैं।