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श्लोक : 11 / 30

भगवान श्री कृष्ण
भगवान श्री कृष्ण
भारत कुल में श्रेष्ठतम, मैं शक्तिशाली लोगों की शक्ति हूँ; और, मैं इच्छाओं और प्रेम से रहित हूँ; कर्तव्य के अनुसार सभी जीवों की इच्छाएँ मैं हूँ।
राशी सिंह
नक्षत्र मघा
🟣 ग्रह सूर्य
⚕️ जीवन के क्षेत्र करियर/व्यवसाय, परिवार, स्वास्थ्य
इस भगवद गीता श्लोक में, भगवान कृष्ण स्वयं को शक्ति के स्रोत के रूप में उल्लेख करते हैं। सिंह राशि और मघा नक्षत्र वाले लोग, सूर्य की ऊर्जा द्वारा मार्गदर्शित होते हैं। ये लोग व्यवसाय में आगे बढ़ें, अपनी शक्ति को पहचानें और उसका पूर्ण उपयोग करें। परिवार में, प्रेम और स्नेह के बिना रिश्ते ठहर नहीं सकते, इसलिए परिवार के कल्याण पर ध्यान देना चाहिए। स्वास्थ्य का ध्यान शरीर और मानसिक स्थिति के संतुलन को बनाए रखना महत्वपूर्ण है। कृष्ण की उपदेश के अनुसार, इच्छाओं और प्रेम के बिना कार्य करना जीवन में सफलता प्राप्त करने में मदद करता है। व्यवसाय में ईमानदारी और मेहनत महत्वपूर्ण हैं। परिवार में प्रेम और स्नेह रिश्तों को मजबूत बनाते हैं। स्वास्थ्य में, व्यायाम और संतुलित खान-पान कल्याण में सहायक होते हैं। इस प्रकार, कृष्ण के उपदेशों का पालन करके, जीवन में संतुलन प्राप्त किया जा सकता है।
भगवद गीता की व्याख्याएँ AI द्वारा जनित हैं; उनमें त्रुटियाँ हो सकती हैं।