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श्लोक : 10 / 30

भगवान श्री कृष्ण
भगवान श्री कृष्ण
हे पार्थ के पुत्र, सभी जीवों के लिए मैं शाश्वत बीज हूँ; मैं ज्ञानी का बुद्धि; मैं शक्तिशाली योद्धा की वीरता।
राशी मकर
नक्षत्र उत्तराषाढ़ा
🟣 ग्रह शनि
⚕️ जीवन के क्षेत्र करियर/व्यवसाय, वित्त, परिवार
यह भगवद गीता का श्लोक, सभी जीवों के लिए आधार होने का भगवान श्री कृष्ण का संदेश देता है। मकर राशि में जन्मे लोगों के लिए, उत्तराद्रा नक्षत्र और शनि ग्रह महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। व्यवसाय, वित्त और परिवार जैसे जीवन के क्षेत्रों में, यह श्लोक मार्गदर्शक होगा। व्यवसाय में, भगवान द्वारा दी गई बुद्धि को विकसित करके, नए विचारों को उत्पन्न कर आगे बढ़ा जा सकता है। वित्त में, शनि ग्रह के प्रभाव से, योजना बनाना और जिम्मेदारी से कार्य करना महत्वपूर्ण है। परिवार में, रिश्तों को सुधारने के लिए भगवान द्वारा दी गई ज्ञान सहायक होगी। मकर राशि और उत्तराद्रा नक्षत्र वाले लोग, शनि ग्रह के प्रभाव से, धैर्य और आत्मविश्वास के साथ कार्य करना चाहिए। भगवान श्री कृष्ण की उपदेश, जीवन के सभी क्षेत्रों में सफलता प्राप्त करने के लिए मार्गदर्शन करती है। यह श्लोक, हमारे जीवन में मौजूद मूलभूत सच्चाइयों को समझने में मदद करता है, और हमारे मानसिक स्थिति को सुधारकर, हमारे कार्यों में दृढ़ता लाता है।
भगवद गीता की व्याख्याएँ AI द्वारा जनित हैं; उनमें त्रुटियाँ हो सकती हैं।