Jathagam.ai

श्लोक : 9 / 43

भगवान श्री कृष्ण
भगवान श्री कृष्ण
पार्थ के पुत्र, भगवान को प्रणाम करते हुए कार्य करना चाहिए; अन्यथा, कार्य तुम्हें इस भौतिक संसार से बांध देगा; इसलिए, बंधन से मुक्त होने के लिए तुम्हारे कार्य को पूरी तरह से करो।
राशी मकर
नक्षत्र उत्तराषाढ़ा
🟣 ग्रह शनि
⚕️ जीवन के क्षेत्र करियर/व्यवसाय, वित्त, परिवार
मकर राशि में जन्मे, उत्तराद्रा नक्षत्र के अंतर्गत आने वाले, शनि के प्रभाव में चलने वाले लोग, इस भगवद गीता श्लोक के माध्यम से महत्वपूर्ण जीवन पाठ सीख सकते हैं। कार्य को भगवान के लिए यज्ञ के रूप में करना चाहिए, इसका अर्थ है कि व्यवसाय में मेहनत को सच्चाई से करना चाहिए। व्यवसाय में सफलता पाने के लिए, कार्य के फल की चिंता किए बिना, कर्तव्य करना चाहिए। इससे दीर्घकालिक लाभ प्राप्त होगा। वित्तीय स्थिति में, पैसे के पीछे भागने के बजाय, मेहनत के माध्यम से धन प्राप्त किया जा सकता है। पारिवारिक जीवन में, एक-दूसरे की मदद करना, कर्तव्यों को साझा करना महत्वपूर्ण है। इससे परिवार में शांति बनी रहती है। शनि ग्रह के प्रभाव के कारण, केवल कठिन मेहनत से ही सफलता प्राप्त होती है। लेकिन, कार्य के फल की चिंता किए बिना कर्तव्य करने पर, जीवन में मन की शांति मिलती है। इससे, कार्य बंधन से मुक्ति प्राप्त कर सकता है। यह श्लोक, जीवन के कई क्षेत्रों में हमें मार्गदर्शक के रूप में रहेगा।
भगवद गीता की व्याख्याएँ AI द्वारा जनित हैं; उनमें त्रुटियाँ हो सकती हैं।