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श्लोक : 8 / 43

भगवान श्री कृष्ण
भगवान श्री कृष्ण
अपने लिए निर्धारित कार्य करो; निष्क्रियता से कार्य करना बेहतर है; और, बिना कार्य के अपने शरीर की देखभाल भी नहीं कर सकते।
राशी कन्या
नक्षत्र हस्त
🟣 ग्रह बुध
⚕️ जीवन के क्षेत्र करियर/व्यवसाय, स्वास्थ्य, वित्त
इस भगवद गीता श्लोक के अनुसार, कन्या राशि के अस्तम नक्षत्र और बुध ग्रह के प्रभाव वाले लोगों के लिए कार्य का महत्व बहुत अधिक है। व्यवसाय में उन्हें अपने कर्तव्यों का पूरी तरह से पालन करना चाहिए। इससे वे व्यवसाय में प्रगति देख सकते हैं। स्वास्थ्य और शारीरिक कल्याण को बनाए रखने के लिए व्यायाम और स्वस्थ भोजन की आदतों का पालन करना चाहिए। वित्त, योजनाबद्ध खर्च और बचत के तरीकों का पालन करना आवश्यक है। इससे वित्तीय स्थिति में सुधार हो सकता है। कार्य में संलग्न होने से मानसिक स्थिति स्पष्ट होती है और जीवन के अर्थ को समझा जा सकता है। निष्क्रिय रहना प्रकृति के विपरीत है, इसलिए कार्य में उत्साह से संलग्न होना जीवन को समृद्ध बनाता है। इससे लंबी उम्र और कल्याण भी प्राप्त होता है।
भगवद गीता की व्याख्याएँ AI द्वारा जनित हैं; उनमें त्रुटियाँ हो सकती हैं।