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श्लोक : 25 / 43

भगवान श्री कृष्ण
भगवान श्री कृष्ण
भरत कुलत्थवने, अज्ञान वाले सभी लोग फल देने वाले कार्यों को, परिणामों के साथ जोड़कर करते हैं; मानवता की रक्षा करना चाहने वाला ज्ञानी, कार्य को परिणामों से अलग करके करता है।
राशी मकर
नक्षत्र श्रवण
🟣 ग्रह शनि
⚕️ जीवन के क्षेत्र करियर/व्यवसाय, वित्त, परिवार
मकर राशि और तिरुवोणम नक्षत्र वाले लोग, शनि ग्रह की कृपा से, अपने व्यवसाय में बहुत मेहनती होंगे। इस श्लोक का संदेश, उन्हें अपने व्यवसाय में सफलता की अपेक्षा किए बिना, केवल कर्तव्य पर ध्यान केंद्रित करके कार्य करने में मानसिक शांति प्राप्त करने में मदद करता है। व्यवसाय में सफलता को ही लक्ष्य मानकर कार्य न करते हुए, उसके लिए प्रयास में पूरी तरह से संलग्न होना चाहिए। वित्तीय स्थिति चिंताजनक होने पर भी, फल की अपेक्षा किए बिना कार्य करने से मानसिक तनाव कम होता है। परिवार की भलाई में, परिवार के सदस्यों का समर्थन प्राप्त करना और उनके साथ समय बिताना महत्वपूर्ण है। शनि ग्रह के प्रभाव के कारण, धैर्यपूर्वक कार्य करना आवश्यक है। इससे व्यवसाय और वित्तीय स्थिति में सुधार होगा। परिवार में एकता बनी रहेगी। यह श्लोक, फल की अपेक्षा किए बिना कार्य करने से मानसिक शांति और जीवन में सफलता प्राप्त करने का मार्गदर्शन करता है।
भगवद गीता की व्याख्याएँ AI द्वारा जनित हैं; उनमें त्रुटियाँ हो सकती हैं।