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श्लोक : 24 / 43

भगवान श्री कृष्ण
भगवान श्री कृष्ण
यदि मैं कार्य नहीं करता, तो सभी संसार समाप्त हो जाएंगे; कार्य करने वाले के रूप में मैं भ्रम उत्पन्न कर सकता हूँ, जो सभी मनुष्यों को नष्ट कर सकता है।
राशी मकर
नक्षत्र उत्तराषाढ़ा
🟣 ग्रह शनि
⚕️ जीवन के क्षेत्र करियर/व्यवसाय, परिवार, धर्म/मूल्य
इस भगवद गीता श्लोक में, कृष्ण कार्य के महत्व को बल देते हैं। मकर राशि में जन्मे लोग, उत्तराद्रा नक्षत्र और शनि ग्रह के प्रभाव में होने के कारण, उन्हें अपने व्यवसाय और परिवार में बहुत जिम्मेदारी से कार्य करना चाहिए। व्यवसाय जीवन में, उन्हें अपने कर्तव्यों को पूरी तरह से निभाकर दूसरों के लिए एक अच्छा उदाहरण बनना चाहिए। परिवार में, उन्हें अपने रिश्तों को बनाए रखते हुए, परिवार के कल्याण के लिए कार्य करना चाहिए। धर्म और मूल्यों का पालन करके, वे समाज में एक अच्छा नाम स्थापित कर सकते हैं। कृष्ण का कहना है कि कार्य के बिना रहना भ्रम उत्पन्न करेगा, इसलिए उन्हें अपने कार्यों की अच्छी योजना बनाकर कार्य करना चाहिए। इससे वे जीवन में स्थिरता प्राप्त कर सकते हैं। शनि ग्रह के प्रभाव के कारण, वे जिम्मेदारी से कार्य करके दीर्घकालिक लाभ प्राप्त कर सकते हैं। इससे वे अपने जीवन को पूरी तरह से जी सकते हैं।
भगवद गीता की व्याख्याएँ AI द्वारा जनित हैं; उनमें त्रुटियाँ हो सकती हैं।