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श्लोक : 23 / 43

भगवान श्री कृष्ण
भगवान श्री कृष्ण
हे पार्थ के पुत्र, यदि मैं सचेतनता से कार्य में संलग्न नहीं होता, तो सभी मनुष्य निश्चित रूप से मेरे मार्ग का अनुसरण करेंगे।
राशी कन्या
नक्षत्र हस्त
🟣 ग्रह शनि
⚕️ जीवन के क्षेत्र करियर/व्यवसाय, परिवार, धर्म/मूल्य
इस भगवद गीता श्लोक में, भगवान कृष्ण कार्य में संलग्न होने के महत्व को स्पष्ट करते हैं। कन्या राशि और अस्तम नक्षत्र वाले व्यक्तियों को अपने व्यवसाय में अत्यधिक ध्यान केंद्रित करना चाहिए और अपने कर्तव्यों को पूरी तरह से निभाना चाहिए। शनि ग्रह उनके लिए जिम्मेदारी की भावना को बढ़ाता है, जिससे वे अपने परिवार और समाज के लिए आदर्श बन सकें। व्यावसायिक जीवन में, वे अपनी कोशिशों से दूसरों के लिए मार्गदर्शक बनेंगे। परिवार में, उन्हें अपने संबंधों को बनाए रखते हुए धर्म और मूल्यों को स्थापित करना चाहिए। इस प्रकार, कृष्ण द्वारा दी गई शिक्षाओं का पालन करके, वे अपने जीवन में स्थिरता प्राप्त कर सकते हैं। इससे, वे अपने कार्यों के माध्यम से दूसरों के लिए एक अच्छा उदाहरण बनेंगे।
भगवद गीता की व्याख्याएँ AI द्वारा जनित हैं; उनमें त्रुटियाँ हो सकती हैं।