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श्लोक : 7 / 72

अर्जुन
अर्जुन
कमजोर स्वभाव के कारण, मेरा हृदय बहुत बुरी तरह से हिल गया है; मैं धर्म के मार्ग के बारे में तुमसे पूछता हूँ; जो अच्छा है, उसे विश्वास के साथ कहो; मैं तुम्हारा शिष्य हूँ; मैं तुम्हारे पास शरण लेता हूँ; मुझे मार्गदर्शन करो।
राशी मकर
नक्षत्र उत्तराषाढ़ा
🟣 ग्रह शनि
⚕️ जीवन के क्षेत्र करियर/व्यवसाय, वित्त, मानसिक स्थिति
इस श्लोक में अर्जुन अपने मन में भ्रमित होकर कृष्ण से मार्गदर्शन मांगते हैं। इसे ज्योतिष के दृष्टिकोण से देखें, तो मकर राशि में जन्मे लोगों के लिए उत्तराभाद्रपद नक्षत्र बहुत महत्वपूर्ण है। शनि ग्रह इन पर प्रभाव डालता है, जिससे व्यवसाय और वित्त से संबंधित चुनौतियाँ अधिक हो सकती हैं। शनि ग्रह अपनी सीमाओं और जिम्मेदारियों के कारण मकर राशि के व्यक्तियों की मानसिकता को प्रभावित कर सकता है। जब ये अपने व्यवसाय में प्रगति करने में कठिनाई महसूस करते हैं, तो उन्हें कृष्ण की उपदेशों का पालन करके मन में शांति और स्पष्टता प्राप्त करनी चाहिए। व्यवसाय में स्थिरता पाने के लिए, वित्त प्रबंधन पर ध्यान देना चाहिए। मानसिक स्थिति को स्थिर रखने के लिए, योग और ध्यान जैसे उपायों को अपनाकर मन को नियंत्रित करना चाहिए। इससे वे अपने जीवन में स्थायी प्रगति देख सकते हैं। कृष्ण की उपदेशों का पालन करते हुए, अपने मन में शांति स्थापित करके, चुनौतियों का सामना करने के लिए मन को तैयार करना चाहिए।
भगवद गीता की व्याख्याएँ AI द्वारा जनित हैं; उनमें त्रुटियाँ हो सकती हैं।