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श्लोक : 40 / 72

भगवान श्री कृष्ण
भगवान श्री कृष्ण
इस मार्ग पर प्रयास करते समय, कोई हानि नहीं होती, कोई कमी नहीं होती; यह प्रक्रिया [प्रयास] छोटी हो, फिर भी यह किसी को बड़े खतरे से मुक्त करती है।
राशी मकर
नक्षत्र उत्तराषाढ़ा
🟣 ग्रह शनि
⚕️ जीवन के क्षेत्र करियर/व्यवसाय, वित्त, परिवार
मकर राशि और उत्तराद्रा नक्षत्र वाले लोग, शनि ग्रह के आशीर्वाद से अपने जीवन में बहुत जिम्मेदारी के साथ कार्य करेंगे। भगवद गीता का यह श्लोक, उन्हें बताता है कि चाहे वे कितने छोटे प्रयास करें, वे व्यर्थ नहीं जाएंगे। व्यवसायिक जीवन में, वे छोटे प्रयासों से भी बड़े प्रगति हासिल कर सकते हैं। वित्तीय स्थिति में, गंभीर प्रयासों के माध्यम से स्थायी विकास प्राप्त किया जा सकता है। परिवार में, छोटे अच्छे आदतों का निर्माण सभी के लिए लाभकारी होता है। शनि ग्रह उन्हें जिम्मेदारी का अनुभव कराता है, जिससे वे अपने प्रयासों में दृढ़ रह सकते हैं। यह श्लोक उन्हें विश्वास और मानसिक दृढ़ता प्रदान करता है, क्योंकि वे जानते हैं कि उनका कोई भी प्रयास व्यर्थ नहीं जाएगा। यही उन्हें बड़े खतरे से बचाता है। उनके जीवन में गंभीर प्रयासों के माध्यम से अच्छे बदलाव लाने में उन्हें दृढ़ रहना चाहिए।
भगवद गीता की व्याख्याएँ AI द्वारा जनित हैं; उनमें त्रुटियाँ हो सकती हैं।