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श्लोक : 18 / 20

भगवान श्री कृष्ण
भगवान श्री कृष्ण
दोस्तों और दुश्मनों में समान; सम्मान और अपमान में समान; गर्मी और ठंड में समान; सुख और दुख में समान; और बंधनों से मुक्त होने वाले; ऐसे लोग मुझे बहुत प्रिय हैं।
राशी मकर
नक्षत्र उत्तराषाढ़ा
🟣 ग्रह शनि
⚕️ जीवन के क्षेत्र मानसिक स्थिति, करियर/व्यवसाय, परिवार
मकर राशि में जन्मे लोग आमतौर पर स्थिरता और जिम्मेदारी को महत्व देने वाले होते हैं। उत्तराधाम नक्षत्र, शनि ग्रह के अधीन, ये जीवन में चुनौतियों का समान रूप से सामना करने की क्षमता रखते हैं। भगवद गीता के 12वें अध्याय, 18वें श्लोक में भगवान कृष्ण द्वारा कहा गया समान मानसिक स्थिति, इनके मानसिकता को और मजबूत करेगा। व्यवसाय में, ये उतार-चढ़ाव को समान रूप से संभालकर दीर्घकालिक सफलता प्राप्त कर सकते हैं। परिवार में, रिश्तों और दोस्तों के साथ समान दृष्टिकोण अपनाने से रिश्ते समृद्ध होते हैं। मानसिक स्थिति को समान बनाए रखकर, ये अपने जीवन में आने वाली किसी भी चुनौती का समान रूप से सामना कर सकते हैं। इससे, वे मानसिक शांति और आध्यात्मिक विकास प्राप्त कर सकते हैं। इस प्रकार, ज्योतिष और भगवद गीता की शिक्षाएँ मिलकर, इनके जीवन को और बेहतर बनाने में मदद करेंगी।
भगवद गीता की व्याख्याएँ AI द्वारा जनित हैं; उनमें त्रुटियाँ हो सकती हैं।