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श्लोक : 17 / 20

भगवान श्री कृष्ण
भगवान श्री कृष्ण
जो कभी आनंदित नहीं होता; जो कभी घृणा नहीं करता; जो कभी दुखी नहीं होता; जो कभी अपेक्षा नहीं करता; और, जो समृद्धि और दरिद्रता दोनों को नहीं चाहता; ऐसे भक्त मुझको बहुत प्रिय हैं।
राशी मकर
नक्षत्र उत्तराषाढ़ा
🟣 ग्रह शनि
⚕️ जीवन के क्षेत्र मानसिक स्थिति, धर्म/मूल्य, परिवार
मकर राशि में जन्मे लोगों पर शनि ग्रह का प्रभाव होता है। उत्तराध्र नक्षत्र वाले लोग मानसिक स्थिति और धर्म/मूल्यों को बहुत महत्वपूर्ण मानते हैं। भगवद गीता का यह श्लोक मानसिक स्थिति को शांत रखने और किसी भी चीज़ में बंधन रहित होकर कार्य करने पर जोर देता है। यह परिवार में शांतिपूर्ण वातावरण बनाने में मदद करता है। शनि ग्रह, किसी के जीवन में चुनौतियाँ लाने के बावजूद, उन्हें संतुलन के साथ सामना करने की क्षमता प्रदान करता है। मानसिक स्थिति को नियंत्रित करके, धर्म और मूल्यों का पालन करने से, पारिवारिक रिश्ते सुधरते हैं। इस प्रकार की स्थिति, मानसिक शांति प्रदान करके, भक्ति के मार्ग में प्रगति करने में मदद करती है। मानसिक स्थिति को शांत रखना, परिवार में सामंजस्य बनाने में सहायक होता है। इस प्रकार, मकर राशि और उत्तराध्र नक्षत्र में जन्मे लोग, भगवान कृष्ण की इस उपदेश का पालन करके, जीवन में मानसिक शांति के साथ आगे बढ़ सकते हैं।
भगवद गीता की व्याख्याएँ AI द्वारा जनित हैं; उनमें त्रुटियाँ हो सकती हैं।