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श्लोक : 12 / 34

भगवान श्री कृष्ण
भगवान श्री कृष्ण
बिना किसी विश्वास के कारण, निरर्थक परिणाम देने वाली क्रियाओं और निरर्थक ज्ञान के कारण, अज्ञानी लोग निश्चित रूप से पशुवत बुरे स्वभावों की ओर खींचे जाते हैं।
राशी मकर
नक्षत्र श्रवण
🟣 ग्रह शनि
⚕️ जीवन के क्षेत्र करियर/व्यवसाय, वित्त, स्वास्थ्य
यह भगवद गीता का श्लोक ज्ञान की आवश्यकता पर जोर देता है। मकर राशि और तिरुवोणम नक्षत्र वाले लोग शनि ग्रह के प्रभाव से अक्सर कठिन परिश्रम में लगे रहते हैं। उन्हें व्यवसाय में प्रगति के लिए ज्ञान महत्वपूर्ण है। बिना ज्ञान के कार्य करना व्यवसाय में बाधाएँ उत्पन्न करता है। वित्त प्रबंधन में ज्ञान की कमी कर्ज का बोझ बढ़ा सकती है। स्वास्थ्य के प्रति भी ध्यान देना चाहिए; बिना ज्ञान के भोजन की आदतें शारीरिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुँचा सकती हैं। शनि ग्रह के प्रभाव के कारण, उन्हें जिम्मेदारी से कार्य करना चाहिए। ज्ञान को विकसित करना व्यवसाय और वित्तीय विकास में मदद करेगा। केवल एक स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर और ज्ञान की रोशनी में कार्य करके ही पूर्ण जीवन प्राप्त किया जा सकता है। इसलिए, ज्ञान को विकसित करना आवश्यक है, यह इस श्लोक से हमें समझ में आता है।
भगवद गीता की व्याख्याएँ AI द्वारा जनित हैं; उनमें त्रुटियाँ हो सकती हैं।