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श्लोक : 3 / 28

भगवान श्री कृष्ण
भगवान श्री कृष्ण
अविनाशी परिपूर्णता को सम्पूर्ण ब्रह्म कहा जाता है; किसी की स्वाभाविक स्थिति जीव आत्मा कहलाती है; सृष्टि से संबंधित चीजें, क्रिया कहलाती हैं; या, जीवों के कल्याण का कारण बनने वाली चीजें क्रिया कहलाती हैं।
राशी मकर
नक्षत्र उत्तराषाढ़ा
🟣 ग्रह शनि
⚕️ जीवन के क्षेत्र करियर/व्यवसाय, परिवार, स्वास्थ्य
इस श्लोक के आधार पर, मकर राशि में जन्मे लोगों के लिए उत्तराधाम नक्षत्र और शनि ग्रह महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। मकर राशि सामान्यतः स्थिरता और जिम्मेदारी का प्रतीक है। उत्तराधाम नक्षत्र, कठिन परिश्रम को दर्शाता है, और शनि ग्रह, आत्मनियंत्रण और जिम्मेदारी को बल देता है। इस व्यवस्था के आधार पर, व्यवसाय जीवन में स्थिरता और प्रगति प्राप्त करने के लिए, कठिन परिश्रम और जिम्मेदारी आवश्यक है। परिवार के कल्याण के लिए, हर किसी को अपने धर्म को पूरा करना चाहिए। स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए, सही खान-पान की आदतें और व्यायाम आवश्यक हैं। व्यवसाय में प्रगति के लिए, नई क्षमताएँ सीखना आवश्यक है। परिवार में एकता और खुशी बनाए रखने के लिए, हर किसी को अपनी जिम्मेदारियों का एहसास कर कार्य करना चाहिए। शनि ग्रह के प्रभाव के कारण, जीवन में चुनौतियाँ हो सकती हैं, लेकिन उन्हें संभालने के लिए धैर्य और आत्मविश्वास की आवश्यकता है। इस प्रकार, जीवन में पूर्णता प्राप्त की जा सकती है।
भगवद गीता की व्याख्याएँ AI द्वारा जनित हैं; उनमें त्रुटियाँ हो सकती हैं।