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श्लोक : 12 / 47

भगवान श्री कृष्ण
भगवान श्री कृष्ण
छोटे सुखों के कार्यों को नियंत्रित करके, जिसने अपने मन को एकाग्र किया है, उसे उस स्थान पर बैठना चाहिए; उसे अपनी आत्मा को शुद्ध करने के लिए योग में स्थिर रहने का अभ्यास करना चाहिए।
राशी मकर
नक्षत्र उत्तराषाढ़ा
🟣 ग्रह शनि
⚕️ जीवन के क्षेत्र स्वास्थ्य, मानसिक स्थिति, करियर/व्यवसाय
इस भगवद गीता श्लोक के आधार पर, मकर राशि में जन्मे लोग उत्तराधाम नक्षत्र के तहत शनि ग्रह के प्रभाव में होते हैं, योग के माध्यम से मन को एकाग्र करके, छोटे सुखों को नियंत्रित करके, स्वास्थ्य को सुधार सकते हैं। शनि ग्रह आत्म-ज्ञान को बल देता है, जिससे मानसिक स्थिति को स्थिर रखने में मदद मिलती है। व्यवसाय में स्थिरता प्राप्त करने के लिए, मानसिक शांति और स्वास्थ्य महत्वपूर्ण हैं। योग के अभ्यास में लिप्त होकर, मन को एकाग्र करके, स्वास्थ्य को सुधारकर, मानसिक शांति प्राप्त की जा सकती है। इससे व्यवसाय में प्रगति संभव है। शनि ग्रह के प्रभाव में, आत्म-ज्ञान और आत्म-नियंत्रण महत्वपूर्ण हैं। ये मानसिक शांति प्रदान करते हैं और जीवन में स्थिरता लाते हैं। योग के माध्यम से मन शुद्ध होता है और स्वास्थ्य में सुधार होता है। इससे व्यवसाय में प्रगति देखने को मिल सकती है।
भगवद गीता की व्याख्याएँ AI द्वारा जनित हैं; उनमें त्रुटियाँ हो सकती हैं।