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श्लोक : 4 / 42

अर्जुन
अर्जुन
विवास्वान इससे पहले जन्मा था; तुम बाद में जन्मे; इस ज्ञान को तुमने पहले उसे सिखाया, मैं इसे कैसे समझूं?
राशी मकर
नक्षत्र उत्तराषाढ़ा
🟣 ग्रह सूर्य
⚕️ जीवन के क्षेत्र करियर/व्यवसाय, परिवार, माता-पिता की जिम्मेदारी
इस श्लोक में, कृष्ण दिव्य अवतारों को लेकर आत्मा के नित्यत्व को स्पष्ट करते हैं। मकर राशि में जन्मे लोग आमतौर पर अपने व्यवसाय में बहुत ध्यान केंद्रित करते हैं। उत्तराद्रा नक्षत्र, सूर्य के प्रभाव से, वे अपने परिवार के कल्याण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। व्यवसाय में प्रगति के लिए, अनुभव वाले पूर्वजों के ज्ञान को मान्यता देकर कार्य करना चाहिए। परिवार में, माता-पिता की जिम्मेदारी को समझकर, उनके कल्याण के लिए प्रयास करना चाहिए। कृष्ण की उपदेश के समान, उन्हें अपने जीवन में आध्यात्मिक विकास प्राप्त करने के लिए दिव्य ज्ञान प्राप्त करने का प्रयास करना चाहिए। इससे वे अपने जीवन में स्थिरता और शांति प्राप्त कर सकेंगे। परिवार के संबंधों को मान्यता देकर, उनके साथ समय बिताना आवश्यक है। यह उनके जीवन में आध्यात्मिक विकास और कल्याण को बढ़ाएगा।
भगवद गीता की व्याख्याएँ AI द्वारा जनित हैं; उनमें त्रुटियाँ हो सकती हैं।