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श्लोक : 37 / 42

भगवान श्री कृष्ण
भगवान श्री कृष्ण
अर्जुन, जलती हुई आग लकड़ी को राख में बदल देती है, उसी प्रकार ज्ञान की आग कर्मों के सभी बंधनों को राख में बदल देती है।
राशी मकर
नक्षत्र उत्तराषाढ़ा
🟣 ग्रह शनि
⚕️ जीवन के क्षेत्र करियर/व्यवसाय, वित्त, परिवार
भगवद गीता के इस श्लोक में, भगवान कृष्ण ज्ञान की शक्ति को स्पष्ट करते हैं। मकर राशि में जन्मे लोग आमतौर पर मेहनती, आत्मविश्वासी होते हैं। उत्तराभाद्रपद नक्षत्र, शनि ग्रह के अधीन होने के कारण, वे जिम्मेदारी से कार्य करेंगे। वे ज्ञान के माध्यम से व्यवसाय और वित्त से संबंधित समस्याओं का सामना कर सकते हैं। ज्ञान, व्यवसाय में नए अवसर उत्पन्न करता है और वित्तीय स्थिति को सुधारने में मदद करता है। परिवार में उत्पन्न समस्याओं को ज्ञान के माध्यम से हल किया जा सकता है। शनि ग्रह, कठिन परिश्रम के माध्यम से सफलता प्रदान कर सकता है। इसलिए, मकर राशि में जन्मे लोगों को अपने व्यवसाय और वित्तीय स्थिति को सुधारने के लिए ज्ञान के मार्ग पर चलना चाहिए। परिवार की भलाई के लिए, उन्हें जिम्मेदारी के साथ कार्य करना चाहिए। इससे, वे जीवन में स्थिरता प्राप्त कर सकते हैं और मानसिक स्थिति को शांत रख सकते हैं।
भगवद गीता की व्याख्याएँ AI द्वारा जनित हैं; उनमें त्रुटियाँ हो सकती हैं।