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श्लोक : 23 / 42

भगवान श्री कृष्ण
भगवान श्री कृष्ण
भूमिकुरिया बंधनों से मुक्त होने के माध्यम से, और अपने मन को ज्ञान में संलग्न करने के माध्यम से, वह व्यक्ति कार्यों को पूरी तरह से समर्पण के साथ करने में पूरी तरह से संलग्न होता है।
राशी मकर
नक्षत्र उत्तराषाढ़ा
🟣 ग्रह शनि
⚕️ जीवन के क्षेत्र करियर/व्यवसाय, वित्त, परिवार
इस श्लोक के माध्यम से, भगवान श्री कृष्ण हमें कार्य ज्ञान के महत्व को बताते हैं। मकर राशि में जन्मे लोग सामान्यतः कठिन श्रमिक होते हैं, और उत्तराद्रा नक्षत्र उनके लिए वित्तीय और व्यावसायिक विकास में विश्वास प्रदान करता है। शनि ग्रह उनके लिए जिम्मेदारी की भावना को बढ़ाता है। व्यवसाय और वित्तीय क्षेत्रों में वे कर्तव्य को पूरी तरह से निभाकर, परिवार की भलाई को भी सुरक्षित रख सकते हैं। भूमिकुरिया बंधनों को छोड़कर, अपने कार्यों को कर्तव्य मानकर, वे अपने मन में शांति प्राप्त कर सकते हैं। इसके माध्यम से, वे व्यवसाय में प्रगति प्राप्त कर सकते हैं, वित्तीय स्थिति को सुधार सकते हैं, और परिवार में सामंजस्य स्थापित कर सकते हैं। कार्य ज्ञान उन्हें जीवन में सफलता देगा। इससे, वे किसी भी प्रकार के बंधन के बिना कार्य कर सकते हैं और आध्यात्मिक प्रगति प्राप्त कर सकते हैं। इस प्रकार, कार्य और ज्ञान मिलकर उन्हें शांति और सुख प्रदान करते हैं।
भगवद गीता की व्याख्याएँ AI द्वारा जनित हैं; उनमें त्रुटियाँ हो सकती हैं।