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श्लोक : 16 / 42

भगवान श्री कृष्ण
भगवान श्री कृष्ण
और, क्रिया का अर्थ क्या है?; निष्क्रियता का अर्थ क्या है?; बुद्धिमान व्यक्ति भी इस विषय में भ्रमित हो जाता है; मैं तुम्हें बताता हूँ; इसे अच्छी तरह समझने के द्वारा, तुम आग से मुक्त हो जाओगे।
राशी मिथुन
नक्षत्र आर्द्रा
🟣 ग्रह बुध
⚕️ जीवन के क्षेत्र करियर/व्यवसाय, वित्त, स्वास्थ्य
इस भगवद गीता के श्लोक में, भगवान कृष्ण क्रिया के वास्तविकता को स्पष्ट करते हैं। मिथुन राशि में जन्मे लोग, विशेषकर तिरुवादिरा नक्षत्र में, बुध ग्रह की कृपा से बुद्धिमान होते हैं। उन्हें व्यवसाय और वित्त से संबंधित क्रियाओं में अधिक ध्यान देना चाहिए। क्रिया के असली उद्देश्य को समझकर, वे अपने व्यवसाय में प्रगति कर सकते हैं। बुध ग्रह उन्हें बुद्धिमत्ता प्रदान करता है, जिससे वे स्वास्थ्य और वित्त प्रबंधन में उत्कृष्टता प्राप्त कर सकते हैं। स्वास्थ्य को सुधारने वाली क्रियाओं में संलग्न होकर, मानसिक स्थिति को संतुलित करना चाहिए। व्यवसाय में विकास और वित्त प्रबंधन में बुद्धिमानी से कार्य करके, वे जीवन में सफलता प्राप्त कर सकते हैं। इससे, वे नुकसान से बचते हुए, क्रिया के वास्तविकता को समझकर, जीवन में आगे बढ़ सकते हैं।
भगवद गीता की व्याख्याएँ AI द्वारा जनित हैं; उनमें त्रुटियाँ हो सकती हैं।