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श्लोक : 13 / 42

भगवान श्री कृष्ण
भगवान श्री कृष्ण
मनुष्यों के गुणों के प्रकार और उनके कार्यों के अनुसार, चार प्रकार के व्यवसायों का निर्माण किया गया है; मैं इन्हें करने वाला हूँ, फिर भी तुम मुझे न करने वाला और नष्ट न होने वाला जानो।
राशी मिथुन
नक्षत्र आर्द्रा
🟣 ग्रह बुध
⚕️ जीवन के क्षेत्र करियर/व्यवसाय, परिवार, स्वास्थ्य
भगवद गीता के इस श्लोक में, कृष्ण कहते हैं कि उन्होंने चार प्रकार के सामाजिक वर्गों का निर्माण किया है। इसे ज्योतिषीय दृष्टिकोण से देखने पर, मिथुन राशि में स्थित तिरुवादिरा नक्षत्र और बुध ग्रह का प्रभाव, मानवों की बुद्धिमत्ता और संवाद कौशल को बढ़ाता है। व्यवसायिक जीवन में, यह व्यवस्था किसी की वाणी कौशल को बढ़ाकर, उन्हें प्रगति की ओर ले जाती है। परिवार में, बुध ग्रह संबंधों को मजबूत करने में कार्य करता है। स्वास्थ्य के संदर्भ में, तिरुवादिरा नक्षत्र शारीरिक स्वास्थ्य को सुधारने की क्षमता प्रदान करता है। इससे, किसी की मानसिक स्थिति और शारीरिक स्वास्थ्य संतुलित होते हैं। इसे आधार बनाकर, मानव अपने जीवन में आत्मविश्वास से कार्य कर सकते हैं और अपने धर्मों को पूरा कर सकते हैं। इससे, वे अपने जीवन को संतुलित करके, आध्यात्मिक प्रगति की ओर बढ़ सकते हैं।
भगवद गीता की व्याख्याएँ AI द्वारा जनित हैं; उनमें त्रुटियाँ हो सकती हैं।