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श्लोक : 35 / 43

भगवान श्री कृष्ण
भगवान श्री कृष्ण
दूसरे की जिम्मेदारी को सही तरीके से करने से बेहतर है कि कोई अपनी खुद की जिम्मेदारी को पूरी निष्ठा से निभाए; किसी दूसरे की जिम्मेदारी से जो खतरा और विनाश ला सकता है, किसी की अपनी जिम्मेदारी बेहतर है।
राशी कन्या
नक्षत्र हस्त
🟣 ग्रह बुध
⚕️ जीवन के क्षेत्र करियर/व्यवसाय, परिवार, धर्म/मूल्य
यह भगवद गीता का श्लोक कन्या राशि में जन्मे लोगों के लिए महत्वपूर्ण है। अस्तम नक्षत्र और बुध ग्रह का प्रभाव, उनके जीवन में बुद्धिमत्ता और सूक्ष्मता को बढ़ाता है। कन्या राशि आमतौर पर सटीक और अनुसंधान में रुचि रखने वाले होते हैं। इसलिए, पेशेवर क्षेत्र में उन्हें अपनी खुद की राह चुनने और आगे बढ़ने पर जोर दिया जाता है। परिवार में, उन्हें अपनी जिम्मेदारियों को समझकर कार्य करना चाहिए। दूसरों के रास्ते पर चलने के बजाय, अपने धर्म और मूल्यों का पालन करना उन्हें मानसिक शांति और आध्यात्मिक विकास प्रदान करेगा। इससे, वे समाज में अच्छा नाम और परिवार में शांति प्राप्त कर सकते हैं। कन्या राशि और अस्तम नक्षत्र वाले लोग, अपनी खुद की क्षमताओं को विकसित करके, धर्म के मार्ग पर चलना चाहिए। इससे, वे जीवन में स्थायी प्रगति प्राप्त कर सकते हैं।
भगवद गीता की व्याख्याएँ AI द्वारा जनित हैं; उनमें त्रुटियाँ हो सकती हैं।