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श्लोक : 31 / 43

भगवान श्री कृष्ण
भगवान श्री कृष्ण
जो मेरी इस ज्ञान को बिना किसी लोभ के पूरी सहमति के साथ अपनाते हैं, वे सभी मनुष्य कर्मों के फल से मुक्त हो जाते हैं।
राशी मकर
नक्षत्र उत्तराषाढ़ा
🟣 ग्रह शनि
⚕️ जीवन के क्षेत्र करियर/व्यवसाय, वित्त, परिवार
इस भगवद गीता श्लोक में भगवान कृष्ण द्वारा कहे गए ज्ञान को पूरी सहमति के साथ अपनाना महत्वपूर्ण है। मकर राशि और उत्तराद्रा नक्षत्र में जन्मे लोगों के लिए शनि ग्रह की कृपा से, व्यवसाय और वित्तीय स्थिति में प्रगति हो सकती है। वे बिना लोभ के, मानसिक स्थिति के साथ कार्य करके व्यवसाय में सफलता प्राप्त कर सकते हैं। परिवार में एकता और वित्तीय स्थिति को सुधारने के लिए, उन्हें अपने कर्मों के फलों को साझा करना चाहिए। शनि ग्रह की कृपा से, उनके प्रयास में स्थिर रहना महत्वपूर्ण है। इससे, वे व्यवसाय में उन्नति प्राप्त कर सकते हैं, वित्तीय स्थिति को स्थिर कर सकते हैं, और परिवार में खुशी ला सकते हैं। यह श्लोक, उनके जीवन में अच्छे बदलाव लाकर, आध्यात्मिक विकास के लिए मार्ग प्रशस्त करने में मदद करेगा।
भगवद गीता की व्याख्याएँ AI द्वारा जनित हैं; उनमें त्रुटियाँ हो सकती हैं।