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श्लोक : 27 / 43

भगवान श्री कृष्ण
भगवान श्री कृष्ण
प्रकृति के अंतर्निहित गुणों के कारण सभी प्रकार के कार्य किए जाते हैं; लेकिन, अहंकार से भ्रमित आत्मा, 'मैं ही कर रहा हूँ' ऐसा सोचती है।
राशी मकर
नक्षत्र उत्तराषाढ़ा
🟣 ग्रह शनि
⚕️ जीवन के क्षेत्र करियर/व्यवसाय, परिवार, वित्त
मकर राशि में जन्मे लोग, उत्तराधाम नक्षत्र के तहत, शनि ग्रह के अधीन होते हैं। यह स्थिति उनके जीवन में व्यवसाय, परिवार और वित्त जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण प्रभाव डालती है। भगवद गीता के 3:27 श्लोक में कहा गया है कि प्रकृति के गुण हमें क्रियाएँ करने के लिए प्रेरित करते हैं। इसी प्रकार, जब शनि ग्रह मकर राशि में होता है, तो व्यवसाय में कठिन परिश्रम, वित्त प्रबंधन में कंजूसी, और परिवार में जिम्मेदारी का एहसास बढ़ता है। लेकिन, 'मैं ही कर रहा हूँ' के अहंकार को छोड़कर, यदि प्रकृति के खेल को समझा जाए, तो जीवन में शांति प्राप्त की जा सकती है। व्यवसाय में संयमित तरीके से कार्य करना और परिवार में समन्वित दृष्टिकोण अपनाना चाहिए। वित्त प्रबंधन में योजना बनाना आवश्यक है। इस प्रकार, शनि ग्रह के आशीर्वाद के साथ, जीवन के क्षेत्रों में प्रगति की जा सकती है।
भगवद गीता की व्याख्याएँ AI द्वारा जनित हैं; उनमें त्रुटियाँ हो सकती हैं।