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श्लोक : 25 / 28

भगवान श्री कृष्ण
भगवान श्री कृष्ण
मोक्ष प्राप्त करना चाहते हैं, वे किसी भी पुरस्कार की अपेक्षा किए बिना, पूजा के कार्य, तप के कार्य, और विभिन्न दान के कार्य करते समय 'तत्' शब्द का उच्चारण करते हैं।
राशी मकर
नक्षत्र उत्तराषाढ़ा
🟣 ग्रह शनि
⚕️ जीवन के क्षेत्र धर्म/मूल्य, परिवार, स्वास्थ्य
मकर राशि में जन्मे लोगों के लिए उत्तराधाम नक्षत्र और शनि ग्रह का प्रभाव है। इस संदर्भ में, भगवद गीता के 17वें अध्याय के 25वें श्लोक में, 'तत्' शब्द के माध्यम से, बिना किसी इच्छा के कार्य करने पर जोर दिया गया है। मकर राशि और शनि ग्रह की विशेषताओं के अनुसार, उन्हें अपने धर्म और मूल्यों को अत्यधिक महत्व देना चाहिए। परिवार के कल्याण के लिए किए गए कार्य बिना किसी फल की अपेक्षा किए जाने चाहिए। इससे परिवार में शांति बनी रहती है। स्वास्थ्य से संबंधित कार्यों में, शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को महत्व देते हुए, बिना किसी पुरस्कार की अपेक्षा किए व्यायाम और स्वस्थ भोजन की आदतों का पालन करना चाहिए। शनि ग्रह आत्मनियंत्रण और धैर्य पर जोर देता है, इसलिए, इन गुणों को विकसित करना जीवन में लाभ लाएगा। 'तत्' शब्द के माध्यम से, वे किसी भी इच्छाओं को पार करके कार्य करने में सक्षम होंगे, जिससे वे आध्यात्मिक विकास प्राप्त कर सकेंगे। यह उनके मानसिक स्थिति को और ऊँचा उठाएगा।
भगवद गीता की व्याख्याएँ AI द्वारा जनित हैं; उनमें त्रुटियाँ हो सकती हैं।