Jathagam.ai

श्लोक : 6 / 27

भगवान श्री कृष्ण
भगवान श्री कृष्ण
पावमात्रवाने, अवत्तिल, थूयमयाण गुणम एन्बदाल, नन्मै [सत्त्व] गुणम नल्ल आरोग्यतोडन ओळिरुम; इथु आत्मावै इनपत्तुडनुम ज्ञानत्तुडनुम पिणैक्किरदु.
राशी मकर
नक्षत्र उत्तराषाढ़ा
🟣 ग्रह शनि
⚕️ जीवन के क्षेत्र स्वास्थ्य, मानसिक स्थिति, धर्म/मूल्य
भगवत गीता के 14वें अध्याय में, भगवान कृष्ण सत्त्व गुण के महत्व को बताते हैं। मकर राशि में जन्मे लोग, उत्तराद्र नक्षत्र के तहत, शनि ग्रह की कृपा से, सत्त्व गुण को अधिक मात्रा में रखते हैं। ये लोग स्वास्थ्य, मानसिक स्थिति और धर्म/मूल्यों पर बहुत ध्यान देंगे। स्वास्थ्य उनके लिए बहुत महत्वपूर्ण है, और वे स्वस्थ खाद्य पदार्थों का सेवन करके शारीरिक स्वास्थ्य को सुधारेंगे। मानसिक स्थिति शांत और स्पष्ट रहेगी, जो उन्हें जीवन में अच्छे निर्णय लेने में मदद करेगी। धर्म और मूल्यों का पालन करने में वे दृढ़ रहेंगे, जो उनके समाज में अच्छा नाम बनाएगा। शनि ग्रह की कृपा उन्हें लंबी उम्र और जीवन में स्थिरता प्रदान करेगी। ये अपने जीवन में सत्त्व गुण को बढ़ाने और आध्यात्मिक प्रगति के लिए रास्ते खोजेंगे। सत्त्व गुण उन्हें आनंद और ज्ञान से जोड़ता है, जिससे वे जीवन में उच्च स्थिति प्राप्त कर सकें।
भगवद गीता की व्याख्याएँ AI द्वारा जनित हैं; उनमें त्रुटियाँ हो सकती हैं।