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श्लोक : 28 / 35

भगवान श्री कृष्ण
भगवान श्री कृष्ण
अविनाशी पूर्ण भगवान सभी जीवों में समान रूप से स्थित हैं; इसे देखने वाला, अपनी आध्यात्मिक दृष्टि से इसे समझता है।
राशी मकर
नक्षत्र श्रवण
🟣 ग्रह शनि
⚕️ जीवन के क्षेत्र करियर/व्यवसाय, वित्त, परिवार
यह भगवद गीता का श्लोक, सभी जीवों में भगवान के समान होने का अनुभव कराता है। मकर राशि में जन्मे लोग, शनि ग्रह के प्रभाव में, अपने व्यवसाय और वित्तीय स्थिति को संतुलित बनाए रखें। तिरुवोणम नक्षत्र, कठिन परिश्रम और धैर्य को बल देता है। व्यवसाय में उन्नति पाने के लिए, सभी के प्रति समान दृष्टिकोण से कार्य करना चाहिए। वित्तीय प्रबंधन, कंजूस रहना चाहिए, क्योंकि शनि ग्रह वित्तीय समस्याओं को संभालने में मदद करता है। पारिवारिक संबंध, किसी के मानसिक स्थिति को शांत रखने में मदद करते हैं। परिवार में एकता बनाए रखने के लिए, सभी को समान प्रेम और समर्थन प्रदान करना चाहिए। इस प्रकार, यह श्लोक, मकर राशि और तिरुवोणम नक्षत्र में जन्मे लोगों के लिए, व्यवसाय, वित्त और पारिवारिक जीवन में संतुलन प्राप्त करने का मार्गदर्शन करता है।
भगवद गीता की व्याख्याएँ AI द्वारा जनित हैं; उनमें त्रुटियाँ हो सकती हैं।