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श्लोक : 7 / 42

भगवान श्री कृष्ण
भगवान श्री कृष्ण
मेरी शक्ति से परिपूर्ण इस सच्चाई को जानने वाले, बिना किसी संदेह के मुझे प्रणाम करने में लीन हो जाएंगे; इसमें कोई संदेह नहीं है।
राशी मकर
नक्षत्र उत्तराषाढ़ा
🟣 ग्रह शनि
⚕️ जीवन के क्षेत्र करियर/व्यवसाय, परिवार, स्वास्थ्य
इस भगवद गीता श्लोक में, भगवान कृष्ण दिव्य समृद्धि को समझकर उन्हें प्रणाम करने वाले भक्तों के बारे में बताते हैं। मकर राशि में जन्मे लोग आमतौर पर मेहनती और जिम्मेदार होते हैं। उत्तराद्र्ष्टा नक्षत्र उन्हें समग्र कार्यक्षमता प्रदान करता है। शनि ग्रह उन्हें स्थिरता और जिम्मेदारी देता है। व्यवसाय में, वे अपनी जिम्मेदारियों को ईमानदारी से निभाकर प्रगति करेंगे। परिवार में, वे रिश्तों की रक्षा करने की जिम्मेदारी से कार्य करेंगे। स्वास्थ्य में, वे अपने शारीरिक स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए सर्वोत्तम उपाय चुनेंगे। यह श्लोक उन्हें दिव्य विश्वास के माध्यम से मानसिक शांति और जीवन की कठिनाइयों को पार करने की शक्ति प्रदान करता है। कृष्ण की दिव्यता को समझकर और उन्हें पूरी तरह से स्वीकार करके, वे जीवन में विश्वास और खुशी प्राप्त करेंगे।
भगवद गीता की व्याख्याएँ AI द्वारा जनित हैं; उनमें त्रुटियाँ हो सकती हैं।