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श्लोक : 40 / 47

भगवान श्री कृष्ण
भगवान श्री कृष्ण
हे पार्थ के पुत्र, इस संसार में या अगले जीवन में अच्छे कर्म करने वाले व्यक्ति का नाश निश्चित नहीं है; इसलिए, कोई भी बुराई उसे कभी नहीं छू सकती।
राशी मकर
नक्षत्र उत्तराषाढ़ा
🟣 ग्रह शनि
⚕️ जीवन के क्षेत्र करियर/व्यवसाय, परिवार, स्वास्थ्य
इस भगवद गीता श्लोक के आधार पर, मकर राशि में जन्मे व्यक्तियों पर शनि ग्रह का प्रभाव है। उत्तराषाढ़ा नक्षत्र इस राशि को शुभ फल प्रदान कर सकता है। शनि ग्रह व्यवसाय और पारिवारिक जीवन में अच्छे मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करता है। व्यवसाय में दीर्घकालिक योजना और ईमानदार प्रयास सफलता देंगे। परिवार में एकता और भलाई के लिए जिम्मेदारी से कार्य करना आवश्यक है। स्वास्थ्य, शारीरिक स्वास्थ्य की रक्षा करने और मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने के लिए नियमित व्यायाम और स्वस्थ आहार का पालन करना महत्वपूर्ण है। यह श्लोक यह सुनिश्चित करता है कि अच्छे मार्ग पर चलने से जीवन में कोई भी बुराई नहीं आएगी। इसलिए, मकर राशि के लोग अपने जीवन के सभी क्षेत्रों में अच्छे मार्ग पर चलकर आनंद से जी सकते हैं।
भगवद गीता की व्याख्याएँ AI द्वारा जनित हैं; उनमें त्रुटियाँ हो सकती हैं।