Jathagam.ai

श्लोक : 2 / 29

भगवान श्री कृष्ण
भगवान श्री कृष्ण
योग में स्थिर रहकर कार्य करना; कार्यों को किए बिना छोड़ देना; ये दोनों ही मुक्ति के मार्ग हैं; लेकिन, कार्य करने से छोड़ने की तुलना में योग में स्थिर रहकर कार्य करना बेहतर है।
राशी मकर
नक्षत्र उत्तराषाढ़ा
🟣 ग्रह शनि
⚕️ जीवन के क्षेत्र करियर/व्यवसाय, परिवार, स्वास्थ्य
इस भगवद गीता श्लोक में, श्री कृष्ण कहते हैं कि योग में स्थिर रहकर कार्य करना बेहतर है। इसे ज्योतिषीय दृष्टिकोण से देखने पर, मकर राशि, उत्तराद्र नक्षत्र और शनि ग्रह महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। मकर राशि सामान्यतः कठिन परिश्रम और जिम्मेदारी को दर्शाती है। उत्तराद्र नक्षत्र, कार्यों में दृढ़ता और विश्वास रखने वालों को इंगित करता है। शनि ग्रह, व्यवसाय में धैर्य और संयम को बढ़ाने में मदद करता है। व्यवसायिक जीवन में, योग में स्थिर रहकर कार्य करने से, दीर्घकालिक सफलता प्राप्त की जा सकती है। परिवार में, जिम्मेदारियों का पालन करते समय मन की शांति बनाए रखनी चाहिए। स्वास्थ्य, योग के माध्यम से शरीर और मन की स्थिति को संतुलित किया जा सकता है। इसके माध्यम से, परिवार, व्यवसाय और स्वास्थ्य में लाभ प्राप्त होता है। इस प्रकार, योग में स्थिर रहकर कार्य करने से, जीवन के कई क्षेत्रों में प्रगति प्राप्त की जा सकती है।
भगवद गीता की व्याख्याएँ AI द्वारा जनित हैं; उनमें त्रुटियाँ हो सकती हैं।