Jathagam.ai

श्लोक : 1 / 29

अर्जुन
अर्जुन
कृष्णा, कार्यों से दूर रहने के लिए निर्देशित कर रहे हैं; उसी समय, फिर से ऐसे कार्यों को भक्ति के साथ करने के लिए भी निर्देशित कर रहे हैं; इसलिए, इनमें से कौन सा सर्वोत्तम है, यह स्पष्ट रूप से बताएं।
राशी मकर
नक्षत्र उत्तराषाढ़ा
🟣 ग्रह शनि
⚕️ जीवन के क्षेत्र करियर/व्यवसाय, परिवार, धर्म/मूल्य
इस भगवद गीता के श्लोक में, अर्जुन अपनी उलझन व्यक्त करते हैं, कार्यों से दूर रहने के लिए कहने वाले कृष्ण, उसी समय उन्हें भक्ति के साथ करने के लिए भी निर्देशित करते हैं। इसे ज्योतिषीय दृष्टिकोण से देखने पर, मकर राशि में स्थित उत्तराद्रा नक्षत्र और शनि ग्रह महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। मकर राशि आमतौर पर कठिन परिश्रम और जिम्मेदारी को दर्शाती है। उत्तराद्रा नक्षत्र कार्यों को योजनाबद्ध तरीके से करने की क्षमता प्रदान करता है। शनि ग्रह जिम्मेदारी और दीर्घकालिक दृष्टिकोण पर जोर देता है। व्यवसाय, परिवार और धर्म/मूल्यों जैसे जीवन के क्षेत्रों में, कार्यों को भक्ति के साथ करना महत्वपूर्ण है। व्यवसाय में, कार्यों को मन से करें; यह दीर्घकालिक सफलता की ओर ले जाएगा। परिवार में, रिश्तों का सम्मान करें और जिम्मेदारी से कार्य करें। धर्म और मूल्यों का पालन करने के लिए, कार्यों में स्वार्थहीनता से काम करना चाहिए। इस प्रकार, भगवद गीता की शिक्षाओं को जीवन में अपनाकर, आत्मिक प्रगति प्राप्त की जा सकती है।
भगवद गीता की व्याख्याएँ AI द्वारा जनित हैं; उनमें त्रुटियाँ हो सकती हैं।