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श्लोक : 17 / 27

भगवान श्री कृष्ण
भगवान श्री कृष्ण
अच्छाई [सत्त्व] गुण ज्ञान देती है; बड़ी आसक्ति [राजस] गुण बड़ी आसक्ति देती है; अज्ञानता [तमस] गुण वास्तव में आलस्य, माया और अज्ञानता लाती है।
राशी कन्या
नक्षत्र हस्त
🟣 ग्रह बुध
⚕️ जीवन के क्षेत्र करियर/व्यवसाय, परिवार, स्वास्थ्य
इस भगवद गीता श्लोक के आधार पर, कन्या राशि में जन्मे व्यक्तियों में सत्त्व गुण अधिक होता है। अस्तम नक्षत्र उन्हें स्पष्ट सोच प्रदान करता है। बुध ग्रह उनकी बुद्धि को बढ़ाता है। ये व्यवसाय में लाभ प्राप्त करने, परिवार में अच्छे संबंध बनाए रखने, और स्वस्थ जीवन जीने में सत्त्व गुण की मदद करते हैं। व्यवसाय में, उन्हें बुद्धिमानी और न्यायपूर्ण तरीके से कार्य करना चाहिए। परिवार में, प्रेम और समझ लाने में सत्त्व गुण मदद करता है। स्वास्थ्य, अच्छे भोजन की आदतों और मानसिक शांति से सुधरता है। ये राजस गुण द्वारा उत्पन्न बड़ी आसक्ति को नियंत्रित करके, तमस गुण द्वारा उत्पन्न आलस्य से बचकर जीवन के सभी क्षेत्रों में प्रगति कर सकते हैं। इस प्रकार, कन्या राशि और अस्तम नक्षत्र वाले व्यक्ति, सत्त्व गुण को बढ़ाकर, जीवन में अच्छी प्रगति प्राप्त कर सकते हैं।
भगवद गीता की व्याख्याएँ AI द्वारा जनित हैं; उनमें त्रुटियाँ हो सकती हैं।