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श्लोक : 16 / 27

भगवान श्री कृष्ण
भगवान श्री कृष्ण
अच्छाई देने वाले [सत्त्व] गुणों के साथ किए गए कार्य शुभ परिणाम देते हैं; लेकिन, अत्यधिक इच्छाओं [राजस] के साथ किए गए कार्य दुःख लाते हैं; अज्ञानता [तमस] के साथ किए गए कार्य अंधकार उत्पन्न करते हैं।
राशी मकर
नक्षत्र उत्तराषाढ़ा
🟣 ग्रह शनि
⚕️ जीवन के क्षेत्र करियर/व्यवसाय, वित्त, स्वास्थ्य
यह श्लोक प्रकृति के तीन गुणों को स्पष्ट करता है: सत्त्व, राजस, और तमस। मकर राशि में जन्मे लोग सामान्यतः शनि ग्रह के प्रभाव में होते हैं, इसलिए उन्हें अपने व्यवसाय और वित्त प्रबंधन में सत्त्व गुण को विकसित करना चाहिए। यह उन्हें स्पष्ट निर्णय लेने में मदद करेगा। व्यवसाय में सत्त्व गुण को बढ़ाना दीर्घकालिक सफलता सुनिश्चित करेगा। जब राजस गुण बढ़ता है, तो यह वित्त प्रबंधन में दुःख उत्पन्न कर सकता है। इसलिए, वित्तीय निर्णय लेते समय सत्त्व गुण को प्राथमिकता देना आवश्यक है। स्वास्थ्य के संदर्भ में, शनि ग्रह के प्रभाव के कारण, सत्त्व गुण शारीरिक स्वास्थ्य को सुधारने में मदद करेगा। स्वस्थ आहार की आदतें और नियमित व्यायाम के माध्यम से सत्त्व गुण को प्रोत्साहित करना चाहिए। इससे, मकर राशि वाले अपने जीवन में लाभ और शांति प्राप्त कर सकते हैं।
भगवद गीता की व्याख्याएँ AI द्वारा जनित हैं; उनमें त्रुटियाँ हो सकती हैं।