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श्लोक : 15 / 28

भगवान श्री कृष्ण
भगवान श्री कृष्ण
मेरे पास आने के बाद, महान आत्माएँ इस दुख से भरे अस्थायी संसार में पुनर्जन्म नहीं लेतीं, क्योंकि वे पहले से ही बहुत उच्च चीज़ को प्राप्त कर चुकी हैं।
राशी मकर
नक्षत्र उत्तराषाढ़ा
🟣 ग्रह शनि
⚕️ जीवन के क्षेत्र करियर/व्यवसाय, वित्त, स्वास्थ्य
भागवत गीता के इस श्लोक में, भगवान श्री कृष्ण कहते हैं कि परमात्मा को प्राप्त करने वालों का पुनर्जन्म नहीं होता। मकर राशि और उत्तराद्रा नक्षत्र वाले लोग, शनि ग्रह की कृपा से, अपने जीवन में वित्तीय और व्यावसायिक विकास प्राप्त कर सकते हैं। शनि ग्रह उन्हें आत्मविश्वास के साथ कार्य करने में मदद करता है। व्यवसाय में वे कठिन परिश्रम करके आगे बढ़ेंगे। वित्तीय स्थिति स्थिर रहेगी, लेकिन उन्हें अपने खर्चों को नियंत्रित करना चाहिए। स्वास्थ्य पर ध्यान देकर, सही खान-पान की आदतों का पालन करना चाहिए। इस श्लोक की शिक्षा के अनुसार, उन्हें अस्थायी संसार के सुखों को पार करके आध्यात्मिक विकास की ओर बढ़ना महत्वपूर्ण है। मानसिक शांति और आध्यात्मिक साधना प्राप्त करने के लिए ध्यान और योगाभ्यास करना अच्छा है। इससे वे अपने जीवन में स्थिरता प्राप्त कर सकेंगे और दुखों को पार कर सकेंगे। शनि ग्रह की कृपा से, वे दीर्घकालिक लाभों का अनुभव कर सकते हैं।
भगवद गीता की व्याख्याएँ AI द्वारा जनित हैं; उनमें त्रुटियाँ हो सकती हैं।