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श्लोक : 11 / 27

भगवान श्री कृष्ण
भगवान श्री कृष्ण
शरीर के सभी द्वारों से ज्ञान प्रकट होता है, उस समय, यह जान लो कि शुभ [सत्त्व] गुण बढ़ता है।
राशी मकर
नक्षत्र उत्तराषाढ़ा
🟣 ग्रह शनि
⚕️ जीवन के क्षेत्र परिवार, स्वास्थ्य, करियर/व्यवसाय
इस भगवद गीता श्लोक में, सत्त्व गुण के महत्व को श्री कृष्ण बताते हैं। मकर राशि और उत्तराद्रा नक्षत्र वाले लोगों के लिए शनि ग्रह महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। शनि ग्रह सत्त्व गुण को बढ़ाने में मदद करता है, जो मन की स्पष्टता और बुद्धिमत्ता को बढ़ाता है। परिवार में शांति बनाए रखने, स्वस्थ जीवनशैली अपनाने और व्यवसाय में प्रगति करने में यह सहायक होगा। परिवार में एकता को बढ़ाने, स्वस्थ आहार की आदतें अपनाने और व्यवसाय में स्पष्ट निर्णय लेने में सत्त्व गुण मदद करता है। शनि ग्रह के प्रभाव से, दीर्घकालिक योजना और जिम्मेदारियों का सही प्रबंधन किया जा सकता है। इससे परिवार की भलाई, स्वास्थ्य और व्यवसाय में प्रगति में लाभ मिल सकता है। मानसिक शांति और स्पष्ट सोच के माध्यम से, जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में सफलता प्राप्त की जा सकती है।
भगवद गीता की व्याख्याएँ AI द्वारा जनित हैं; उनमें त्रुटियाँ हो सकती हैं।