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श्लोक : 32 / 42

भगवान श्री कृष्ण
भगवान श्री कृष्ण
अर्जुन, प्रकृति के बीच, वास्तव में मैं आरंभ, केंद्र और अंत हूँ; सभी ज्ञान में, मैं आध्यात्मिक ज्ञान हूँ; सभी विवादों के बीच, मैं एक निष्कर्ष हूँ।
राशी मकर
नक्षत्र श्रवण
🟣 ग्रह शनि
⚕️ जीवन के क्षेत्र करियर/व्यवसाय, वित्त, परिवार
इस भगवद गीता श्लोक में भगवान कृष्ण स्वयं को सभी कार्यों का आधार बताते हैं। मकर राशि और तिरुवोणम नक्षत्र वाले लोगों के लिए शनि ग्रह महत्वपूर्ण है। शनि ग्रह के प्रभाव से, व्यवसाय में धैर्य और संयम की आवश्यकता होती है। व्यवसाय की वृद्धि में शनि ग्रह का प्रभाव महत्वपूर्ण है, इसलिए योजना बनाना और दीर्घकालिक दृष्टिकोण के साथ कार्य करना चाहिए। वित्त प्रबंधन बहुत सावधानी से किया जाना चाहिए, क्योंकि शनि ग्रह वित्त क्षेत्र में समस्याएँ उत्पन्न कर सकता है। परिवार में एकता और जिम्मेदारी महत्वपूर्ण है, यह परिवार के कल्याण में सहायक होगा। कृष्ण के उपदेशों का पालन करते हुए, व्यवसाय और वित्त प्रबंधन में निर्णय लेना अच्छा है। परिवार में एकता को बढ़ावा देना, शनि ग्रह की चुनौतियों का सामना करने में मदद करेगा। इस प्रकार, भगवान कृष्ण की दिव्य शक्ति को समझकर, जीवन के सभी क्षेत्रों में प्रगति प्राप्त की जा सकती है।
भगवद गीता की व्याख्याएँ AI द्वारा जनित हैं; उनमें त्रुटियाँ हो सकती हैं।