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श्लोक : 30 / 42

भगवान श्री कृष्ण
भगवान श्री कृष्ण
और, असुरों में, मैं प्रहलाद हूँ; काल के ज्ञाताओं में, मैं समय हूँ; पशुओं में, मैं जंगल का राजा सिंह हूँ; और, पक्षियों में, मैं गरुड़ हूँ।
राशी सिंह
नक्षत्र मघा
🟣 ग्रह सूर्य
⚕️ जीवन के क्षेत्र करियर/व्यवसाय, परिवार, स्वास्थ्य
इस भगवद गीता श्लोक में, भगवान श्री कृष्ण अपनी दिव्यताओं को प्रकट करते हैं। सिंह राशि और मघा नक्षत्र, सूर्य की शक्ति द्वारा शासित होते हैं। सूर्य, शक्ति, पुरुषत्व और धैर्य का प्रतीक माना जाता है। इसलिए, व्यवसाय जीवन में प्रगति पाने के लिए, साहस और विश्वास के साथ कार्य करना चाहिए। परिवार में, प्रहलाद की भक्ति जैसी दृढ़ विश्वास और प्रेम संबंधों को मजबूत बनाते हैं। स्वास्थ्य, सूर्य की शक्ति हमारे शरीर और मन को पुनर्जीवित करती है। सिंह की ताकत और गरुड़ की गति जैसी चीजें, हमारे जीवन में प्रगति पाने में मदद करती हैं। समय का सही उपयोग करके, हम अपने जीवन के क्षेत्रों में सफलता प्राप्त कर सकते हैं। इस प्रकार, यह श्लोक हमें जीवन के कई क्षेत्रों में प्रगति पाने के लिए मार्गदर्शन करता है।
भगवद गीता की व्याख्याएँ AI द्वारा जनित हैं; उनमें त्रुटियाँ हो सकती हैं।