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श्लोक : 47 / 47

भगवान श्री कृष्ण
भगवान श्री कृष्ण
फिर भी, सभी योगियों में, जो हमेशा मुझ पर विश्वास करता है; जो मुझे अपने हृदय में रखता है, और जो हमेशा मेरी पूजा करता है; वह मेरे लिए सबसे उपयुक्त है ऐसा माना जाता है।
राशी मकर
नक्षत्र उत्तराषाढ़ा
🟣 ग्रह शनि
⚕️ जीवन के क्षेत्र करियर/व्यवसाय, परिवार, स्वास्थ्य
इस भगवद गीता श्लोक में, भगवान श्री कृष्ण कहते हैं कि जो पूर्ण मन से विश्वास के साथ उनकी पूजा करता है, वह सबसे श्रेष्ठ है। मकर राशि में जन्मे लोगों पर शनि ग्रह का प्रभाव है। शनि ग्रह, कठिन परिश्रम, धैर्य और अनुशासन का प्रतीक है। उत्तराषाढ़ा नक्षत्र, मकर राशि में जन्मे लोगों के लिए, व्यवसाय में उन्नति, परिवार की भलाई और स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। व्यवसायिक जीवन में, शनि ग्रह के प्रभाव से, वे कठिन परिश्रम के साथ आगे बढ़ेंगे। परिवार में, वे जिम्मेदारी से कार्य करेंगे, जो परिवार की भलाई में सहायक होगा। स्वास्थ्य में, शनि ग्रह मानसिक शांति प्रदान करता है, इसलिए योग और ध्यान जैसी प्रथाओं को अपनाना अच्छा है। भगवान कृष्ण पर भक्ति और विश्वास रखने से, जीवन के सभी क्षेत्रों में प्रगति देखी जा सकती है। यह श्लोक, मानसिक शांति के साथ भगवान की याद में जीने और जीवन के सभी क्षेत्रों में सफलता प्राप्त करने का मार्गदर्शन करता है।
भगवद गीता की व्याख्याएँ AI द्वारा जनित हैं; उनमें त्रुटियाँ हो सकती हैं।