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श्लोक : 8 / 29

भगवान श्री कृष्ण
भगवान श्री कृष्ण
इस प्रकार, देखने, सुनने, छूने, ग्रहण करने, खाने, चलने, सोने, सांस लेने, बोलने, छोड़ने, स्वीकार करने, खोलने और बंद करने जैसी गतिविधियों में संलग्न होते समय, सत्य को जानने वाला व्यक्ति वास्तव में सोचता है कि वह ऐसा कुछ नहीं कर रहा है।
राशी मकर
नक्षत्र उत्तराषाढ़ा
🟣 ग्रह शनि
⚕️ जीवन के क्षेत्र करियर/व्यवसाय, मानसिक स्थिति, धर्म/मूल्य
मकर राशि में जन्मे लोगों के लिए उत्तराधाम नक्षत्र और शनि ग्रह का प्रभाव है। यह श्लोक उनके लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि शनि ग्रह कठिन परिश्रम और धैर्य का प्रतीक है। व्यावसायिक जीवन में, उन्हें अपनी जिम्मेदारियों को बहुत ध्यान से निभाना चाहिए, लेकिन इसके परिणामों की चिंताएँ उन्हें मानसिक तनाव में डाल सकती हैं। यह श्लोक उन्हें मानसिक स्थिति को संतुलित करने में मदद करता है, क्योंकि उन्हें अपने कार्यों को आत्मा से जोड़ने के बजाय, शरीर की क्रिया के रूप में देखना चाहिए। इससे वे व्यवसाय में आने वाली चुनौतियों का सामना करने के लिए मानसिक दृढ़ता प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा, धर्म और मूल्यों का पालन करना उनके लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि शनि ग्रह न्याय और नैतिकता का प्रतीक है। यह श्लोक उन्हें जीवन के असली अर्थ को समझने और मानसिक शांति के साथ कार्य करने में मदद करता है। उन्हें अपने कार्यों में पूरी तरह से संलग्न नहीं होना चाहिए, बल्कि उन्हें एक पर्यवेक्षक के रूप में देखना चाहिए। इससे वे अपने जीवन में शांति और आध्यात्मिक विकास प्राप्त कर सकते हैं।
भगवद गीता की व्याख्याएँ AI द्वारा जनित हैं; उनमें त्रुटियाँ हो सकती हैं।